"अनछुआ एहसास"
Ankit Bansal
July 2013
तू आँखों की रोशनी तू ही साँसे
दिल की कम्पन, होठों की प्यास
होने से तेरे महकती है जिंदगी
मै हूँ यह एहसास भी तुझसे ही है
छूने से तेरे, लगा एहसास क्या है
तेरे बोलने से जाना, आवाज क्या है
तुमने चूमा तो , महसूस किया प्यास क्या है
महकते जिस्म से ही तेरे, खुशबू का एहसास है
दिन का सरूर , रात की बेहोशी है
तेरी आवाज मेरा सन्नाटा है
पाकर तुझे कुछ और अब याद नहीं
सबकुछ तेरे प्यार ने दिया है
आ छूकर तुझे महका दूं
शब्दों को तेरे गीत बना दूं
जो प्यास है तुझमे प्यार की
आ उसको अपने प्यार की बारिश से भिगा दूं
तेरे प्यार ही मेरी प्रेरणा बने
जो देखा खाब वो तुझसे सजे
मेरी हिम्मत, मेरा रास्ता तू हो जाये
जो चल न सका , वो साथ मिल जाये
हर शुरुवात एक नीव से होती है
रिश्तों में कशिश , भावों की समझ होती है
आओ करीब की धड़कने मिल जाये
मै तुम्हारी मंजिल , तुम मेरा रास्ता बन जाओ